जानवर इंसान बन गया या जानवर में इसान जिंदा हो रहा। जानवर इंसान बन गया या जानवर में इसान जिंदा हो रहा।
ये जो दुनिया भर के कामों में रहते हो मसरूफ हर दम ये जो दुनिया भर के कामों में रहते हो मसरूफ हर दम
कभी पापा की उंगलियों को पकड़े हुए, खुद को मैं कहीं बैठे देख रही हूं। कभी पापा की उंगलियों को पकड़े हुए, खुद को मैं कहीं बैठे देख रही हूं।
मैं बस सिमटना चाहता था तुममें, उन अल्फाजों की झंकार की तरह मैं बस सिमटना चाहता था तुममें, उन अल्फाजों की झंकार की तरह
संघर्ष ही जीवन है... संघर्ष ही जीवन है...
भूले हुए यार को हमारा ख्याल तो आया। भूले हुए यार को हमारा ख्याल तो आया।